Mata ji ashram 06 rasvanti18plus
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One sunny afternoon, I found myself in the company of a wise and kind-hearted Indian woman fondly known as "Mata Ji." We were sitting in her cozy living room, sipping chai and enjoying a light-hearted conversation. The aroma of the spices in the tea filled the air, blending with the scent of fresh flowers she had arranged on the table.
Veröffentlicht von RASVANTI18PLUS
Video Transcription
पतीला तो मैंने पूरा ख़तम कर दिया था और माता जी की थने भी एकदम लाल खरोच वाली हो गई थी
चूस चूस के मैंने उनके चूचीं और भी सुझा दिये थे
मजा रहा था
अब वो इस दोरान माता जी ने उत्तेजना में एक बार अपने चूच से पानी छोड़ दिया था
बाकाइदा मुझे महसूस भी हुआ था क्योंकि मेरे बदन पे गरम पानी का चीटा लगा था
मैंने थनो को ही बहुत ज़ादा तवज्जु दे दी थी बहुत वक्त गुजर गया था मैंने घड़ी के ओर देखा
ग्यारा बज रहे थे
शायद मैंने ये कांड 9-9.30 बजे शुरू किया होगा
अब रात के 11 बज रहे हैं
ना ना ना ये बहुत जाती है
माता जी के इस गोल घमोड बदन के साथ अब उनकी निचली तोर पर भी जाया जाया
आँ उनके नयाव ख़जाने पर भी हात फेरा जाय लूटा जाय खसूटा जाय
उनकी गांडे आँ गांडे
बेड जोद आज तो फाट डालूगा उनकी गांडे
मैं कुछ जादा ही उत्तेजित और अकरेसिव हो गया था
मेरे लंड से तो बार बार लार टपक रहा था
और मेरा लंड एकडम गिलगिला हो गया था मेरे पानी से
अब मैंने माता जी की निचली तॉलिया को धीरे धीरे निकालना शुरू किया
जैसे ही मैंने पूरा तॉलिया निकाल लिया निचे दिखा ये क्या
ये क्या है भाई
मैं तो एकदम गलत था
इनोंने जांगिया जैसा निचे कुछ पहना हुआ है
माता जी का जांगिया
मैंने उस जांगिये के नाडे को एक ही जटके में खोल दिया
माता जी ने डर के मारे बेड का एक कोना पकड़ लिया
आज जैसे माता जी का वस्तर हरन हो रहा हो
मैं माता जी के उपर जपट पड़ा और माता जी को बेड के एक कोने में ले डूबा
और माता जी की जांगिया को पकड़ कर उतार दिया
वस्तर हरन
अब माता जी ने शर्म के मारे अपना मुँ छुपा लिया
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